प्रदेश में अभी ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतें खाली रहेंगी। जिनमें प्रशासकों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। इनकी पुनर्नियुक्ति के लिए पंचायती राज एक्ट में संशोधन को लेकर राजभवन से अध्यादेश जारी होने में हरिद्वार से जुड़ा तकनीकी पेच आड़े आ सकता है।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंचायती राज एक्ट में यह व्यवस्था है कि किसी वजह से पांच साल के भीतर चुनाव नहीं कराए जा सके तो सरकार छह महीने के लिए इनमें प्रशासक नियुक्त कर सकती है। इसी व्यवस्था के तहत राज्य में हरिद्वार को छोड़कर ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों में प्रशासकों की छह महीने के लिए नियुक्ति की गई, लेकिन इनका कार्यकाल अब खत्म हो चुका है।
इसके बावजूद पंचायतों में चुनाव नहीं कराए जा सके हैं। जिससे अब पंचायतों में प्रशासकों की पुनर्नियुक्ति की तैयारी है। इसके लिए पंचायती राज एक्ट में संशोधन की तैयारी है। एक्ट में संशोधन के लिए राजभवन भेजे गए अध्यादेश को विधायी एक बार पहले हरिद्वार से जुड़े प्रकरण का हवाला देते हुए यह कहकर लौटा चुकी है कि एक ही तरह के अध्यादेश को फिर से राजभवन मंजूरी के लिए नहीं भेजा जा सकता।
तब विधानसभा से पास हो जाता तो कानून बन जाता