यूपी की योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में व‍िधायक अफसरों की मनमानी से परेशान

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लखनऊ, अफसर समस्याओं का हल करने से बचते हैं…, अधिकारियों की तरफ से प्रोटोकाल नहीं मिलता…, अफसरों की जवाबदेही बढ़ाने की जरूरत है…! क्या सत्ता पक्ष और क्या विपक्ष, अधिकांश विधायकों के यह कड़वे अनुभव थे, जो विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ संवाद कार्यक्रम में जुबान पर आए।

अध‍िकार‍ियों के ये हाल तब हैं जब मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ इस मामले में कई बार न‍िर्देश दे चुके हैं क‍ि जनप्रतिनिधियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए। प्रोटोकाल के तहत उनकी बात सुनी जाए। उनके द्वारा की गई शिकायतों पर समस्याओं का समाधान त्वरित गति से किया जाए। मुख्य सचिव भी अफसरों को यह हिदायत दे चुके हैं। बाकायदा शासन स्तर पर आदेश जारी किया जा चुका है।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने व‍िधायकों को द‍िया गुरु मंत्र

  • इंजीनियर‍िंग और प्रबंधन से जुड़े इस विधायक समूह को महाना (Satish Mahana) ने भी सटीक गुरुमंत्र दिया। बोले- हमेशा किसी भी बैठक में तैयारी करके जाएं।
  • अधिकारियों को लगना चाहिए कि आपको उनसे अधिक जानकारी है। तभी आप उन पर प्रभाव छोड़ पाएंगे।
  • विधान भवन के हाल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में एक से एक योग्य सदस्य हैं।
  • भाषण देने वालों को भाषण सुनाना सबसे कठिन काम है, इसलिए विधानसभा के प्लेटफार्म का उपयोग करें।
  • आप अपनी प्रतिभा से जनता को कैसे लाभ दे सकते हैं, इस पर काम करने की और जरूरत है।
  • विधायक इस बात का भी प्रयास करें कि देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश की छवि को और कैसे निखारा जा सके।

व‍िधायक बैठक की पहले से करें तैयारी- सतीश महाना

  • विधानसभा अध्यक्ष महाना ने कहा कि सीखने की कोई समय सीमा नहीं होती है। उन्‍होंने कहा कि जनता में आपकी छवि और योग्यता क्या है, इस पर बहुत कुछ निर्भर करता है।
  • आप लोग अधिकारियों के साथ बैठक में विश्वास के साथ जाएं और उन पर प्रभाव कैसे छोड़ें, इस पर विचार करने की जरूरत है।
  • आप अपने अनुभव को अधिकारियों के साथ मीट‍िंग में रखें, जिससे आपकी प्रतिभा का लाभ जनता को मिल सके। अधिकारियों को अनुभव कराएं कि आप उनसे अधिक जानकारी रखते हैं।
  • इससे पहले वरिष्ठ विधायक आलम बदी ने कहा कि हम प्रोटोकाल की तो बात करते हैं, लेकिन हमें भी उदार होना चाहिए। सपा विधायक सचिन यादव ने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठक के पहले तैयारी करने का लाभ मिलता है।
  • हमें इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है। वरिष्ठ भाजपा विधायक नीरज वोरा ने सुझाव दिया कि हम सबको अपने अधिकारों को जानना होगा। इसका लाभ क्षेत्र को मिलेगा।

व‍िधायकों की श‍िकायत- काम करने से बचते हैं अफसर

  • सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी ने कहा कि अधिकारी कई बार समस्याओं को हल करने से बचते हैं और उनकी मंशा रहती है कि जनता विधायक को ही दोषी माने।
  • भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि अधिकारियों की तरफ से प्रोटोकाल नहीं मिलता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन इधर बदलाव देखने को मिल रहा है।
  • भाजपा विधायक संजय कुमार शर्मा ने कहा कि इस बार नई तरह की विधानसभा देखने को मिल रही है, लेकिन अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाने की जरूरत है।
  • अधिकारी अपने पुराने सिस्टम से बाहर नहीं आना चाहते हैं। सत्ताधारी दल के ही विधायक अजय स‍िंह ने अफसरशाही को लेकर च‍िंता व्यक्त की और कहा कि हमें लकीर के फकीर की परंपरा को बदलना होगा।

भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने कहा कि सत्र के दौरान कई बार बिल पास हो जाते हैं, लेकिन सदस्यों को पढऩे के लिए नहीं मिलते। टी. राम, अपना दल (एस) की डा. सुरभि, अनिल कुमार त्रिपाठी, उमर अली, सुहेब उर्फ मन्नू अंसारी, मुकेश चौधरी, अनुराग स‍िंह, बृजेश कठेरिया, वीरेंद्र चौधरी आदि सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। एचबीटीयू के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि इंजीनियर‍िंग और मैनेजमेंट से जुड़े विधायक बदलाव ला सकते हैं।

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