भारत और अमेरिका के बीच 2+2 डायलॉग होगी आयोजित

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नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के रिश्ते लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। दोनों देशों के नेताओं को अक्सर कई वैश्विक मुद्दों को लेकर चर्चा करते देखा जाता है। इतना ही नहीं, अक्सर आम सहमति से दोनों देशों ने कई वैश्विक परेशानियों का तोड़ निकालने का भी प्रयास किया है।

2+2 डायलॉग से पहले की बातचीत

इसी कड़ी में एक बार फिर भारत और अमेरिका 2+2 डायलॉग करने जा रहा है। इस मीटिंग में कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। दिल्ली में अमेरिका और भारत के विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता होने वाली है। इस बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिकी के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भारत पहुंच गए हैं। इस बैठक की शुरुआत से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बातचीत की।

रक्षा क्षेत्र रहा मजबूत स्तंभ

भारत और अमेरिका के 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक हितों का बढ़ता अभिसरण और रक्षा, सुरक्षा और खुफिया सहयोग में वृद्धि देखी गई है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में आई मजबूती का सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ रक्षा क्षेत्र है। आपकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब भारत और अमेरिका पहले से कहीं अधिक करीब हैं। हम क्षमता के क्षेत्र में और चुनौतियों का समाधान करने वाली साझेदारियों के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं। हमारी साझेदारी एक स्वतंत्र, खुले और नियमों से बंधे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।”

समुद्र से अंतरिक्ष तक फैला सहयोग

भारत और अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के दौरान, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा, “हम एक बेहद खास समय पर मिल रहे हैं। तत्काल वैश्विक चुनौतियों के सामने, यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं, सामान्य लक्ष्य ढूंढ रहे हैं और अपने लोगों के लिए काम कर रहे हैं। हमने पिछले साल अपनी प्रमुख रक्षा साझेदारी के निर्माण में प्रभावशाली लाभ कमाया है और इससे हमें शांति और स्थिरता के लिए और भी अधिक योगदान करने में मदद मिलेगी। हमारे सहयोग का दायरा काफी बड़ा है, यह समुद्र से अंतरिक्ष तक फैला है।”

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर रहेगा फोकस

इस बैठक के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “इस साल का मुख्य आकर्षण जून में पीएम की संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा थी, इसने हमारे संबंधों में एक नया अध्याय खोला है। राष्ट्रपति जो बाइडन की सितंबर में दिल्ली की यात्रा ने हमारे संबंधों के सकारात्मक प्रक्षेपवक्र में बहुत योगदान दिया। जी20 शिखर सम्मेलन में उत्पादक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए उनका समर्थन महत्वपूर्ण था। एक दूरदर्शी साझेदारी का निर्माण जबकि हम एक साझा वैश्विक एजेंडा का निर्माण करते हैं। 2+2 में, हम क्रॉस-कटिंग रणनीतिक, रक्षा और सुरक्षा संबंधों, प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला सहयोग और लोगों से लोगों के आदान-प्रदान का व्यापक अवलोकन करेंगे। आज हमारी चर्चाओं का मुख्य फोकस इंडो-पैसिफिक क्षेत्र होगा।”

लॉयड ऑस्टिन को किया गया सम्मानित

बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्री गुरुवार को नई दिल्ली पहुंच गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया और उन्हें एयरपोर्ट पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ देकर सम्मानित भी किया।

बैठक में कई मुद्दों पर होगी चर्चा

रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि राजनाथ और लॉयड ऑस्टिन डिफेंस और टेक्नोलॉजी पर बात कर सकते हैं. जबकि विदेश मंत्री जयशंकर का ब्लिंकन के साथ चर्चा का विशेष वैश्विक मुद्दे हो सकते हैं। इसके अलावा, इसमें वैश्विक मुद्दे पर भी अहम चर्चा होगी, जिसमें मिडिल-ईस्ट हो रहे इजरायल-हमास युद्ध और यूरोप में चल रहे युद्ध यूक्रेन युद्ध पर भी बात की जाएगी।

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