उत्तराखंड कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आज, आंदोलनकारियों की नजरें भी टिकीं

0

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में होगी। बैठक में आगामी विधानसभा सत्र के दौरान पेश होने वाले अनुपूरक बजट का प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके अलावा सरकारी सेवाओं में नकल निषेध विधेयक समेत कई अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है।

बैठक राज्य सचिवालय में अपराह्न तीन बजे से होगी। बैठक में शहरी विकास विभाग की ओर से स्मार्ट सिटी योजना के तहत देहरादून में ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण का प्रस्ताव चर्चा के लाया जा सकता है। नई राजस्व संहिता का प्रस्ताव भी कैबिनेट में विचाराधीन है।

इसके अलावा सौंग बांध परियोजना के पुनर्वास एवं विस्थापन के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा विभिन्न विभागों की सेवा नियमावली, विधानसभा के पटल पर रखे जाने वाले प्रत्यावेदनों पर चर्चा हो सकती है।

कैबिनेट की बैठक पर टिकीं राज्य आंदोलनकारियों की नजरें

राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के मुद्दे पर उनके तेवर तल्ख हैं। राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच ने रविवार को शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना दिया। इसमें क्षैतिज आरक्षण के लिए अधिनियम या नियमावली के पास नहीं होने की सूरत में आगामी रणनीति पर विचार किया गया। अब इस मामले में सबकी नजरें सरकार के रुख पर लगी हैं। सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार इस पर निर्णय ले सकती है।

धरने में संयोजक क्रांति कुकरेती और अंबुज शर्मा ने बताया कि वह और उनके साथी उच्च न्यायालय के दिसंबर 2018 के फैसले के बाद से लगातार संघर्ष कर रहे हैं । कई बार लगा की इस मसले का हल होने वाला है, लेकिन फिर बात आगे नहीं बढ़ी। जबकि यह मामला मजबूत राजनीति इच्छाशक्ति से ही हल हो सकता था, जिसका आज तक आभाव रहा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद राज्य आंदोलनकारी रहे हैं, इसलिए उन्हें भरोसा है कि वह इस मसले का कुछ न कुछ हल जरूर निकालेंगे। उन्होंने कहा कि सोमवार को जब तक कैबिनेट की बैठक चलेगी, तब तक सभी साथी शहीद स्मारक पर बैठेंगे। इसके बाद ही आगे की रणनीति पर कोई निर्णय लिया जाएगा। धरने में बैठने वालों में केशव उनियाल, मनोज कुमार, रामकिशन, सूर्यकांत, रेनू नेगी, गणेश शाह, दिवाकर उनियाल, सुमन भंडारी, धर्मानंद भट्ट, प्रभात डंडरियाल, पौड़ी से आशीष चौहान बड़कोट से प्रताप सिंह, सरदार सिंह सुमित थापा आदि शामिल थे।

क्षैतिज आरक्षण राज्य का विषय : जुगरान

उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रवींद्र जुगरान ने कहा है कि इस मामले में न्याय विभाग ने अपनी नकारात्मक राय दी है, जो आखिरी विकल्प नहीं है। सरकार ने महिलाओं को नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर भी न्याय विभाग की विपरीत टिप्पणी के बाद सरकार ने मजबूत इच्छाशक्ति दिखाई। जुगरान ने कहा कि क्षैतिज आरक्षण राज्य का विषय है। किसको कितना आरक्षण देना है, यह सरकार को तय करना है।
Leave A Reply

Your email address will not be published.