खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भागने की आशंका के बीच पुलिस, खुफिया विभाग की जंगलों में बसे खत्तों पर भी नजर

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फरार वारिस पंजाब दे प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की उत्तराखंड के रास्ते नेपाल भागने की आशंका के बीच पुलिस, खुफिया विभाग और वन विभाग की तराई के जंगलों में बसे खत्तों पर भी नजर है।

खत्तों में कांबिंग कर फरार चल रहे अमृतपाल सिंह का पोस्टर वन गुर्जरों को दिखाकर बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की सूचना पुलिस को देने की अपील की गई है।

एक सप्ताह से अधिक समय से पंजाब पुलिस खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी है। नेपाल से सटे उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के रास्ते विदेश भागने की आशंका के बीच जिला पुलिस भी चेकिंग कर रही है।

तराई के जंगलों में छिपकर भाग सकता है नेपाल

आशंका है कि वह उत्तर प्रदेश और ऊधम सिंह नगर से लगे तराई के जंगलों में छिपकर भाग सकता है। जिला पुलिस, खुफिया एजेंसियां और वन विभाग जसपुर से लेकर खटीमा-झनकइया तक के जंगलों में बसे खत्तों में काबिंग कर रही है।

जिलेभर में पुलिस अलर्ट है।  नेपाल और उत्तर प्रदेश से सटे मार्गों, संपर्क मार्ग और चोर रास्तों पर पुलिस का पहरा है। जंगलों में भी खुफिया एजेंसियों की नजर है। अमृतपाल के संबंध में सूचना देने के लिए पुलिस ने हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है।

सिख फार जस्टिस संगठन की धमकी के बाद जांच में जुटी एसटीएफ

जी-20 सम्मेलन के बीच प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस की धमकी के बाद उत्तराखंड पुलिस अलर्ट मोड पर है। एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। प्रतिबंधित संगठन के मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू ने रामनगर में होने वाली जी-20 सम्मेलन को लेकर एक धमकी जारी की है।

इसमें रामनगर को खालिस्तान का हिस्सा बता सम्मेलन में खालिस्तान का झंडा लगाने की बात कही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने जांच एसटीएफ को सौंपी है। वहीं, आइजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने भी जिला मुख्यालय में डेरा डाल दिया है।

इस दौरान उन्होंने विदेशी मेहमानों की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी लिया। आइजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन की धमकी का मामला संज्ञान में है। पुलिस सतर्क है और धमकी की जांच एसटीएफ कर रही है।

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