केदारनाथ पैदल पर बादल फटने की घटना के तीन दिन बाद मलबे में दबे तीन शव बरामद हुए

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रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने और भूस्खलन की घटना के तीन दिन बाद शुक्रवार को लिनचोली में मलबे में दबे तीन शव बरामद हुए हैं। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के हवाले से बताया कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई और उनकी गुमशुदगी भी दर्ज नहीं है।

वहीं मौसम खराब होने के कारण हवाई सेवा के संचालक में दिक्कत आ रही है। भारी बारिश के कारण केदार घाटी में रास्ते क्षतिग्रस्त होने के चलते विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा बल लगातार कार्य कर रहे हैं।

शनिवार को लगातार तीसरे दिन रेस्क्यू एवं राहत कार्य जारी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बीते रोज शुक्रवार को रेस्क्यू टीम द्वारा थारू कैंप के पास बड़े पत्थरों में दबे शव को निकला गया। जिसके पास से दो मोबाइल व अन्य सामग्री प्राप्त हुई है।

शव की पहचान शुभम कश्यप निवासी सहारपुर के रूप में हुई है। शव व प्राप्त सामग्री को चौकी लिनचोली के सुपुर्द किया गया। तत्पश्चात टीम द्वारा मिसिंग लोगो की तलाश हेतु थारू कैंप, छोटी लिनचोली में सर्चिंग की गई। सर्चिंग के दौरान थारू कैंप में एक मोबाइल प्राप्त हुआ, जिसे चौकी लिनचोली के सुपुर्द कर दिया गाया है।

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दूसरी और केदारनाथ में फंसे यात्रियों को अभी हवाई सेवा से निकलने का कार्य शुरू नहीं हुआ है। मौसम खराब होने के कारण हवाई सेवाएं संचालित नहीं हो रही है।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुई अतिवृष्टि के बाद से डेढ़ सौ से अधिक यात्रियों व कुछ स्थानीय लोगों का तीसरे दिन भी अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है। हालांकि केदारनाथ में संचार सेवा ठप होने से मोबाइल सेवा बंद पड़ी है, वहीं बड़ी संख्या में यात्री जंगलों के रास्ते चौमासी पहुंच रहे हैं, इस रास्ते में भी मोबाइल सेवा नहीं है।

पुलिस का कहना है कि शनिवार तक रेस्क्यू कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद भी यात्रियों स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि यात्रियों की सही जानकारी मिल सकेगी।

केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने की घटना

बुधवार रात्रि को केदारनाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने की घटना के बाद से पुलिस कंट्रोल रूम में अब तक डेढ़ सौ से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनका अपने परिजनों से संपर्क नहीं हो रहा है। परिजनों द्वारा कंट्रोल रूम को अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि बुधवार सांय से वह अपने परिजनों से बाचतीत नहीं कर पाए हैं, यह केदारनाथ की यात्रा पर गए थे।

पुलिस अधीक्षक के स्टेनो (आशुलिपिक) नरेन्द्र रावत ने बताया कि कंट्रोल रूम में डेढ़ सौ से अधिक शिकायतें फोन पर परिजनों ने दर्ज करवाई हैं, जिसमें बुधवार से अपने परिजनों से संपर्क न होने की बात कही है। उन्होंने बताया कि अभी भी सात सौ से अधिक यात्रियों का रेस्क्यू किया जाना है, यह सभी यात्री केदारनाथ धाम में ही फंसे हुए हैं।

सभी का रेस्क्यू शनिवार तक पूरा होने की उम्मीद है। केदारनाथ धाम में मोबाइल सेवा नहीं है, जिससे केदारनाथ धाम में फंसे यात्रियों का संपर्क न होने का मुख्य कारण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि पूरी तरह रेस्क्यू होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि वास्तवित कितने मिसिंग है या नहीं। हालांकि उनका कहना है कि जिन लोगों ने अपने परिजनों से संपर्क न होने की शिकायत दर्ज कराई थी, उसमें बीस से अधिक लोगों से शुक्रवार को रेस्क्यू के बाद संपर्क हो गया है।

वहीं केदारनाथ में फंसे यात्री चौमासी होते हुए गुप्तकाशी पहुंच रहे हैं। चौमासी के प्रधान महावीर सिंह ने बताया कि अब तक दौ सो से अधिक यात्री केदारनाथ से चौमासी होते हुए सुरक्षित वापस लौट चुके हैं।

खरगे और प्रियंका ने उत्तराखंड में आपदा से मृत्यु पर जताया शोक

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तराखंड में भारी बारिश और बदल फटने से कई व्यक्तियों की मृत्यु को अत्यंत दुखद बताया। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि बहुत सारे व्यक्तियों के लापता होने की जानकारी सामने आई है।

उन्होंने उत्तराखंड समेत देश के कई राज्यों में इस स्थिति से निपटने के लिए ठोस नीति निर्माण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर कदम उठाने की अपेक्षा केंद्र सरकार से की है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उत्तराखंड में बादल फटने, भारी वर्षा व भूस्खलन से कई व्यक्तियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। इस मुश्किल घड़ी में हम उत्तराखंड के निवासियों के साथ हैं।

पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि सेना के बचाव कार्य से व्यक्तियों को सुरक्षा व राहत मिलेगी। सरकार एवं प्रशासन से आग्रह है कि अपनी जिम्मेदारी निभाएं और पीड़ितों की मुआवजा सहित सहायता करें। उन्होंने कहा कि देश जलवायु परिवर्तन से जूझ रहा है।

बाढ़, भारी वर्षा, बादल फटना और कई राज्यों में सूखे जैसी आकस्मिक स्थिति हो गई है। इसके लिए ठोस नीति निर्माण कर सभी की भागीदारी के साथ कदम उठाने होंगे। खरगे ने कहा कि आपदा प्रबंधन को दुरुस्त करना होगा। इन सबके लिए सरकार की सकारात्मक पहल आवश्यक है।

साल-दर-साल हो रही इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए मोदी सरकार को बिना किसी भेदभाव के राज्यों को अतिरिक्त आपदा प्रबंधन राशि तुरंत उपलब्ध करानी चाहिए।

उधर, एक्स प्लेटफार्म पर अपने संदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में आपदा में मृत व्यक्तियों के शोक संतप्त स्वजन के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। साथ ही केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बड़ी संख्या में फंसे श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना भी की है। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्यों में हर संभव सहायता करने को कहा है।

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