उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को CBI ने वायस सैंपल देने का नोटिस भेजा

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देहरादून। वर्ष 2016 में उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मचा देने वाले बहुचर्चित स्टिंग प्रकरण में सीबीआइ ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को वायस सैंपल देने का नोटिस दिया है। शुक्रवार को सीबीआइ ने हरीश को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में, जबकि हरक सिंह को उनके डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर नोटिस थमाया।

सीबीआइ ने दोनों नेताओं को सात नवंबर को बुलाया दिल्ली

इसी दौरान एक और वीडियो सामने आया था, जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन विधायक मदन सिंह बिष्ट की मोलभाव के समय मौजूदगी का दावा किया गया था। दोनों स्टिंग कराने के पीछे वर्तमान खानपुर विधायक उमेश शर्मा व तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत नाम सामने आया था।

नैनीताल हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। सीबीआइ ने वीडियो में जो आवाज हैं, उनके मिलान के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी। अदालत ने गत चार जुलाई तक सभी नेताओं को जवाब दाखिल करने को कहा था,पर उमेश शर्मा को छोड़कर अन्य नेताओं ने समय मांग लिया। 15 जुलाई को हरीश रावत, हरक सिंह रावत और मदन बिष्ट ने अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था।

हरीश को अस्पताल और हरक को उनके घर पर थमाया गया नोटिस

मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेने आए सीबीआइ के दोस्त जौलीग्रांट अस्पताल में सीबीआइ टीम से मिले नोटिस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर तंज कसा कि उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए सीबीआइ के दोस्त आए हैं। रावत ने लिखा कि ‘नोटिस को देखकर मुझे बड़ा ताज्जुब हुआ।

अस्पताल में लोग स्वास्थ्य का हालचाल पूछने आ रहे हैं, तो सीबीआइ को लगा होगा मुझसे देश की अखंडता, एकता, सुरक्षा और लोकतंत्र को कुछ ज्यादा खतरा है, इसलिए अस्पताल में ही उन्होंने मुझे नोटिस थमा दिया।’ बता दें कि, हरीश रावत दो दिन पूर्व सितारगंज में कार दुर्घटना में घायल हो गए थे। वह जौलीग्रांट अस्पताल में उपचार करा रहे थे। हालांकि शुक्रवार देर शाम उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

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