मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की गोसदनों के निर्माण से संबंधित कार्यों की समीक्षा की और दिए निर्देश दिए
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाला मानदेय अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह 80 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन है। उन्होंने सचिव शहरी विकास को निर्देश दिए कि निराश्रित गोवंशीय पशुओं की समस्या से निजात पाने के दृष्टिगत प्रतिमाह नगर निकायों में सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंश की संख्या, मानीटरिंग व गोसदनों में भेजने की समीक्षा की जाए।
गोवंशीय पशुओं की हो जियो टैगिंग
संचालन व रखरखाव की नियमित मानीटरिंग जरूरी
निर्माणाधीन और पूर्व से संचालित गोसदनों के संचालन व रखरखाव की निरंतर मानीटरिंग की भी मुख्य सचिव ने हिदायत दी। उन्होंने गोसदनों के नियमित निरीक्षण के साथ ही वहां चारा, प्रकाश, चिकित्सा की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम, नितेश कुमार झा, चंद्रेश कुमार, वी षणमुगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
- 20887 है वर्तमान में आवारा निराश्रित गोवंशीय पशुओं की संख्या।
- 2134 निराश्रित गोवंश को पिछले साल गोसदनों में भेजा गया।
- 14848 गोवंश वर्तमान में 70 आश्रय स्थलों में लिए है शरण।
- जिलेवार वर्तमान में निराश्रित गोवंश
जिला |
संख्या |
पौड़ी | 5525 |
ऊधम सिंह नगर | 4955 |
टिहरी | 2259 |
नैनीताल | 2155 |
देहरादून | 2050 |
अल्मोड़ा | 1536 |
हरिद्वार | 803 |
चंपावत | 708 |
चमोली | 360 |
उत्तरकाशी | 359 |
रुद्रप्रयाग | 106 |
बागेश्वर | 47 |
पिथौरागढ़ | 24 |