जनता दर्शन में भीड़ देखकर भड़के सीएम योगी आदित्यनाथ, पढ़िए पूरी खबर

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जनता दर्शन में लगातार बढ़ रही फरियादियों की बढ़ती संख्या देख मुख्यमंत्री ने तहसील एवं थानों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने अधिकारियों से पूछा था कि इतनी बड़ी संख्या में लोग जनता दर्शन में क्यों आ रहे हैं? क्या थाना, तहसील व जिला मुख्यालयों पर उनकी समस्याओं को नहीं सुना जा रहा? गोरखपुर प्रवास के दौरान जनता दर्शन कार्यक्रम में आने वाली समस्याओं को देखकर मुख्यमंत्री पहले भी थाने एवं तहसीलों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर चुके हैं।

थक-हार कर न्याय की आस में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन पहुंचते हैं पीड़ित

स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को लेकर अधिकारी कितना गंभीर हैं,  फरियादी वर्षों से अपनी समस्या का समाधान होने की चाह में दौड़ लगा रहे हैं। चक्कर लगाते-लगाते उनकी चप्पलें घिस गई हैं। जमीन की पैमाइश, नामांतरण, वरासत जैसे मामलों को लेकर लोग खासे परेशान नजर आए। थानों पर भी जमीन विवाद से जुड़े मामलों की अधिकता दिखी।

सदर तहसील

सदर तहसील के हासूपुर निवासी कमला देवी की उम्र 60 साल से अधिक हो चुकी है। अपनी जमीन वापस लेने के लिए उनकी सास ने करीब 25 साल पहले वाद दाखिल किया था। सहायक अभिलेख अधिकारी के यहां से निकलकर यह वाद अब एसडीएम कोर्ट में है। उनकी सास की मृत्यु हो चुकी है और 10 वर्षों से कमला देवी ही पैरवी करने आती हैं। स्थानीय स्तर पर न्याय न मिलने से दो बार वह मुख्यमंत्री के जनता दर्शन कार्यक्रम में भी गुहार लगाने जा चुकी हैं। कमला देवी चाहती हैं कि जल्द उनकी जमीन का फैसला हो जाए, उनके पास दावा की 65 डिसमिल जमीन के अलावा कुछ नहीं।

भटहट ब्लाक के जुगल डुमरी नंबर दो के कन्हैया जो खेत जोतते हैं, उसपर कोई और दावा करता है। उनका कहना है कि उनके पट्टीदार उनका हिस्सा कब्जा किए हैं। एक साल पहले उन्होंने पैमाइश के लिए वाद दाखिल किया था। पूरे विश्वास से तो नहीं लेकिन कन्हैया इस बात की संभावना जताते हैं कि उनके मामले में फैसला हो गया है और वह दो महीने से फाइल के लिए दौड़ रहे हैं। एसडीएम कोर्ट के बाबू अवकाश पर थे। एक बार तहसील आने में कन्हैया को 200 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। कन्हैया व कमला देवी जैसी स्थिति सैकड़ों फरियादियों की है। तहसील में दोपहर एक बजे के करीब किसी कोर्ट में मजिस्ट्रेट नजर नहीं आए। कर्मी बैठे थे, लोग अगली तारीख लेकर वापस जा रहे थे।

खजनी तहसील में एसडीएम पवन कुमार से न्याय की गुहार लगाने आयीं हरिहरपुर की विभा तिवारी ने बताया कि लाकडाउन के समय वह पति व बच्चे के साथ घर आयीं थीं। आरोप है कि उनके पति के बड़े भाई ने धोखे से संपत्ति अपने बेटे के नाम करा ली है। एक साल से वह न्याय के लिए चक्कर लगा रही हैं।

राउतडाडी गांव निवासी रामलौट अपनी जमीन व मकान से भाई का कब्जा हटवाने के लिए पांच महीने से तहसील व थाने का चक्कर लगा रहे हैं। थाने पर निरीक्षक बदलते जा रहे हैं लेकिन न्याय नहीं मिला। बस्तियां के बनहैता निवासी राम सजन चौरसिया जमीनी विवाद में तहसील व थाने का चक्कर लगा रहे हैं।

बांसगांव तहसील में मिले सोहगौरा निवासी विनोद राम त्रिपाठी ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु काफी दिन पहले हो गई थी। पांच महीने से अधिक समय से वह खतौनी में अपना नाम दर्ज कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं।

गोला तहसील में पोहिला गांव निवासी वरिष्ठ नागरिक धानपती देवी तीन साल चक्कर काट रही हैं। वह अपनी जमीन पर कब्जा पाना चाहती हैं लेकिन तहसील उन्हें अभी तक न्याय नहीं दे पाया है। वर्ष 2019 में उनकी जमीन के पत्थरनशब का आदेश हुआ। मौके पर जाकर राजस्व कर्मियों ने खूंटा गाड़ दिया लेकिन गांव के कुछ लोगों ने खूंटा उखड़कर फेंक दिया और जमीन पर कब्जा कर लिया। उसके बाद से ही वह तहसील व थाने का चक्कर लगा रही हैं।

तहसील क्षेत्र की कोड़ारी गांव निवासी सरिता के पति की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि दो बच्चों की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर है। पिछले एक साल से राशन कार्ड बनवाने के लिए परेशान हैं। तीन बार आनलाइन आवेदन करने, समाधान दिवस के दिन तहसील में प्रार्थना पत्र देने के बावजूद उनका राशन कार्ड नहीं बना। चिल्लूपार गांव निवासी मुन्नी देवी की विधवा पेंशन एक साल से बंद है। समाधान दिवस में कई बार गुहार लगा चुकी हैं लेकिन जिम्मेदार आवेदन लेकर चलता करते हैं।

चौरी चौरा तहसील के सरदार नगर ब्लाक में ग्राम भाऊपुर के ग्राम प्रधान कृष्ण मुरारी निषाद का आरोप है कि कुछ लोग पिछड़ी जाति की जगह अनुसूचित जाति बन कर अपने नाम गलत तरीके से जमीन का पट्टा करा लिया। फाइल भी चकबंदी कार्यालय चौरी चौरा से गायब है। प्रधान फ़ाइल के लिए कई दिनों से चकबंदी विभाग का चक्कर लगा रहे हैं।सहजनवा के गीडा थाना में मिले हरदिया निवासी खजांची का कहना है कि गांव के ही कुछ लोगों ने उनकी जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया है। तहसील से न्याय नहीं मिला है, पुलिस में तहरीर दी है।

लोगों की समस्याओं का निराकरण थाने, तहसील एवं ब्लाक स्तर पर हो, इसको लेकर व्यवस्था बनाई गई है। सभी न्यायालयों में प्रतिदिन वाद निपटाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है। किसी मामले में आदेश होने पर उसका तत्काल अनुपालन कराने की व्यवस्था भी की जा रही है। हाल ही में लेखपालों की कार्यशाला भी आयोजित की गई थी। उनको निर्देश दिया गया है कि छोटी-छोटी समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही कर दिया जाए

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