एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्‍व दाऊद इब्राहिम और मुंबई धमाकों पर अनदेखी करने का लगाया आरोप

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नई दिल्‍ली, महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना और महाविकास आघाडी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। एकनाथ शिंदे ने कहा है कि 50 विधायकों के सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ने के लिए किसी भी शख्‍स के पास ‘बड़ा कारण’ होना चाहिए। पिछली एमवीए सरकार जिसमें कांग्रेस और शिवसेना घटक थे, हिंदुत्व, वीर सावरकर या मुंबई धमाकों पर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के मुद्दे पर कोई बड़ा निर्णय लेने से चूकती रही। शिंदे ने एक इंटरव्‍यू के दौरान कहा कि अब उन्‍होंने हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसीलिए उन्‍होंने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का निर्णय लिया है।

MVA की वजह से दाऊद पर फैसला नहीं!

सीएम शिंदे ने कहा, ‘शिवसेना-भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा था और सरकार बन गई कांग्रेस-NCP के साथ। इसके कारण जब भी हिन्दुत्व के मुद्दे आए, दाऊद का मुद्दा आया, मुंबई बम ब्लास्ट का मुद्दा और भी कई मुद्दे जब आते थे, हम कोई भी निर्णय नहीं ले पा रहे थे। शिंदे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक का जिक्र करते हुए कह रहे थे जिन्हें इस साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसकी गतिविधियों से जुड़ी मनी-लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का मुख्य आरोपी है, जिसमें 257 लोग मारे गए थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई में मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।

शिवसेना के MLA को सता रहा था ये डर

शिंदे ने बताया कि उन्‍होंने कई बार चर्चा की कि महाविकास आघाडी में जो हम बैठे हैं इससे हमें फायदा नहीं, नुकसान है। हमारे विधायक चिंतित हैं कि कल चुनाव कैसे लड़ें। नगर पंचायत चुनाव में हम 4 नंबर पर गए। मतलब सरकार का फायदा शिवसेना को नहीं हो रहा। ऐसे में हमें कोई बड़ा निर्णय लेने की जरूरत थी। जब हम चुनाव में जीतते हैं तो हमारे चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं की विकास को लेकर अपेक्षा होती है। लेकिन हमारे विधायक काम नहीं कर पा रहे थे, फंड की कमी थी। हमने इस बारे में हमारे वरिष्ठ से बात कि परन्तु हमे कामयाबी नहीं मिली। इसलिए हमारे 40-50 विधायकों ने ये भूमिका ली फिर हम लोग कोई भी गैरकानूनी काम नहीं कर रहे। लोकशाही में कानून है, नियम हैं, उसी के मुताबिक ही काम करना पड़ता है। आज हमारे पास बहुमत है। सुप्रीम कोर्ट में भी हमारे खिलाफ जो लोग गए थे, उन्हें भी कोर्ट ने डांट लगाई है।

बड़े दिल वाले फडणवीस

शिंदे ने देवेंद्र फडणवीस को बड़े दिलवाला बताया, जिन्‍होंने उपमुख्यमंत्री पद संभाला है। लेकिन जब पार्टी का आदेश आता है, तो पार्टी का आदेश मानते हैं वो और मेरे जैसे बालासाहेब के कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया। मैं पीएम नरेंद्र मोदी का, केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष को धन्यवाद करता हूं। बता दें कि किसी ने भी इस बात की कल्‍पना नहीं की थी कि शिंदे को मुख्‍यमंत्री बनाया जाएगी।

हिंदुत्‍व के मुद्दे पर जनता ने दिया था शिवसेना को वोट, लेकिन

साल 2019 में शिवसेना और भाजपा ने मिलकर हिंदुत्‍व के मुद्दे पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उद्धव ठाकरे ने अपनी अलग ही खिचड़ी पका ली। इस पर शिंदे ने कहा कि जनता को लगा था कि भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी करती है, लेकिन उन्होंने सभी देशवासियों को बता दिया है कि इन 50 लोगों ने एक हिन्दुत्व की भूमिका ली है, इनका एजेंडा हिन्दुत्व का है, विकास का है, इनका समर्थन करना चाहिए। उन्होंने हमें समर्थन किया, लेकिन हुआ कुछ और। ऐसे में बालासाहेब ठाकरे का हिन्दुत्व का जो मुद्दा है, हिन्दुत्व के जो विचार हैं, उनकी जो भूमिका है, उसे आगे ले जाने का फैसला हम लोगों ने किया है।

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