लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसा है कि उप चुनाव में हार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बौखला गए हैं। सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने लिखा है कि सपा अध्यक्ष के साथ ही उनके समर्थक भी उपचुनाव में हार को लेकर बौखलाए हुए हैं। जनता ने उनके सत्ता के सपने तोड़ दिए और ‘सत्ताइस का सत्ताधीश’ बनने का उनका दावा पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक आधार खोने के बाद अब सपा ने प्रदेश में अशांति फैलाने और अराजकता पैदा करने की साजिशें रचनी शुरू कर दी हैं। संभल में हुआ दंगा सपा की इसी साजिश का हिस्सा है, जिसके असली सूत्रधार और ‘फर्जी पीडीए’ के संचालक स्वयं सपा अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि सपा अपनी चुनावी विफलता को छुपाने के लिए इस तरह के प्रयास कर प्रदेश के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने और प्रगति को बाधित करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा कि गुंडों और दंगाई तत्वों को यह समझ लेना चाहिए कि उनकी चालें अब सफल नहीं होंगी। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को विकास, सुरक्षा और समृद्धि की ओर अग्रसर कर रही है। अराजकता फैलाने वालों के लिए यहां कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘सपा होगी सफा’ और प्रदेश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ता रहेगा।
संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को सपा देगी मुआवजा
बता दें, संभल हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को समाजवादी पार्टी पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देगी। सपा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर मुआवजे का एलान किया है। इसके साथ ही पार्टी ने योगी सरकार से मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने की मांग भी की है। सपा ने मांग की है कि यूपी सरकार पीड़ितों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता दे, ताकि उन्हें न्याय मिल सके। इसके साथ ही सपा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और प्रशासन की नामाकी की वजह से संभल में पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और इतने बड़े स्तर पर हिंसा हुआ।
अखिलेश बोले- भाजपा की नाकामी है ‘संभल हिंसा’
इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘संभल में पूरा का पूरा सरकार का और प्रशासन का कराया हुआ झगड़ा था। अन्याय अगर किसी ने किया है तो सरकार और प्रशासन ने मिलकर किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि लोगों को न्याय मिले। प्रशासन जो भी बातें कह रहा है वो सरकार के इशारे पर कह रहा है। 24 नवंबर को अगर तैयारी पहले से होती तो इतना बड़ा बवाल ना होता। इसके लिए सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी बड़ी बनती है।’