रुद्रप्रयाग में पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण एक महिला तीर्थ यात्री की मौत, तीन घायल

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देहरादून: आखिरकार उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दे दी है। इस बार मानसून अनुमानित समय से नौ दिन बाद पहुंचा है। इसी के साथ प्रदेश में वर्षा का क्रम भी तेज हो गया है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले तीन दिन प्रदेश में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। इस दौरान भूस्खलन होने और नदी-नालों के उफान पर आने की भी आशंका है।

वहीं, आज सुबह से रुड़की, कोटद्वार, ऋषिकेश, डोईवाला, देहरादून, उत्‍तरकाशी और रुद्रप्रयाग में बारिश हो रही है। इससे मौसम सुहावना हो गया है। उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग अभी सुचारू।

वहीं, रुद्रप्रयाग में गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण एक महिला तीर्थ यात्री की मौत हो गई, जबकि तीन घायल हो गए हैं। पुलिस ने घायलों को अस्पताल लेकर गई। अभी मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। वहीं, रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे नोलापाडी में और बदरीनाथ हाइवे सिरोबगड़ में अवरूद्ध है।

बुधवार को झमाझम वर्षा के साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने प्रवेश किया। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव वाला क्षेत्र न बनने के कारण इस बार मानसून की गति धीमी रही।

ऐसे में केरल से मानसून को उत्तराखंड पहुंचने में इस बार पूरा एक माह लग गया। 29 मई को मानसून केरल पहुंचा था। जबकि, बीते वर्ष मानसून सामान्य समय से एक सप्ताह पूर्व ही प्रदेश में पहुंच गया था। तब केरल से उत्तराखंड पहुंचने में मानसून को महज 10 दिन लगे थे।

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में अगले तीन दिन भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चमोली में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।

ऐसे में पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और अतिवृष्टि को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रदेश में मंगलवार रात से हो रही वर्षा के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन से कई संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। मैदानी क्षेत्रों में भी जलभराव और सड़कें धंसने की सूचना है।

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