बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू, मुख्यमंत्री धामी ने किया बदरीविशाल के दर्शन
आज पंच पूजा के साथ शुरू होगी कपाट बंद करने की प्रक्रिया
वहीं भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया आज पंच पूजा के साथ शुरू होगी। परंपरा के अनुसार पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम कपाट 17 नवंबर को रात 9:07 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाने हैं। इसी के साथ उत्तराखंड हिमालय की चारधाम यात्रा भी विराम ले लेगी। यमुनोत्री, गंगोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट पहले ही बंद किए जा चुके हैं।
पंच पूजा रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल व वेदपाठी रविंद्र भट्ट संपन्न कराएंगे। 18 नवंबर को भगवान बदरी विशाल के प्रतिनिधि उद्धवजी, देवताओं के खजांची कुबेरजी व भगवान के वाहन गरुड़जी की डोली और आदि शंकराचार्य की गद्दी डोली शीतकालीन गद्दीस्थल पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी मंदिर व जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगी।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया कि मंदिर के कपाट बंद करने की तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। इस मौके को यादगार बनाने के लिए मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। बताया कि अब तक धाम में 13.80 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।