सीएम भगवंत मान ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह के शहीदी दिवस को राज्य में छुट्टी का किया एलान
सीएम भगवंत मान ने विधानसभा में घोषणा की कि राज्य में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के शहीदी दिवस 23 मार्च को छुट्टी रहेगी। मान ने कहा कि पिछली सरकार ने इसे केवल नवांशहर तक सीमित रखा था। अब वह नवांशहर तक सीमित नहीं रहेंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने पंजाब विधानसभा में शहीद-ए-आजम भगत सिंह और डाक्टर भीमराव अंबेडकर का बुत लगाने का प्रस्ताव रखा, जिस पर कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि शेर-ए-पंजाब पंजाब महाराजा रणजीत सिंह का भी बुत लगना चाहिए, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। भगत सिंह, अंबेडकर और महाराजा रणजीत सिंह के बुत लगाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग नहीं बता पाए भगत सिंह का जन्मदिन
मुख्यमंत्री के पूरे पंजाब में छुट्टी के प्रस्ताव पर कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि छुट्टी से शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि देने के स्थान पर कालेजों व स्कूलों में भगत सिंह के संघर्ष की कहानी बताई जाए, जिस पर मुख्यमंत्री ने राजा वडिंग से पूछा कि क्या आपको पता है कि भगत सिंह का जन्मदिन कब है। इस पर वडिंग ने अनभिज्ञता जाहिर की।
वोट आन अकाउंट पेश
पंजाब सरकार ने 3 माह के लिए 37 हजार 120 करोड़ (3,71,20,2376000) का बजट मांगा। जिसे सदन ने सर्व सम्मति से पास किया। वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने वोट आन अकाउंट पेश किया।
विधायकों को एमपीलैड की तर्ज पर एमएलए लैड
वहीं, पंजाब में दिल्ली सरकार की तर्ज पर अब विधायकों को एमपीलैड की तर्ज पर एमएलए लैड देने पर भी विचार किया जा रहा है। काबिले गौर है कि दिल्ली में हर विधायक को दस करोड़ रुपये मिलते हैं। पार्टी के एक सीनियर नेता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा , प्रदेश में पार्टी को स्थापित होने के लिए यह जरूरी है कि उनके विधायक पैसे की कमी की वजह से निराश न हों।
भगवंत मान ने कहा कि अभी तक विधायकों के पास अपने क्षेत्र के विकास के लिए एक भी पैसा नहीं होता जिस कारण लोग उनसे निराश हो जाते हैँ। इसके अलावा पार्टी एक विधायक को एक पेंशन देने पर भी विचार कर रही है। चुनाव से पूर्व इस बाबत यह मुद्दा काफी बार उठता रहा कि विधायकों को हर टर्म की अगल पेंशन को क्यों दी जा रही है। पता चला है कि भगवंत मान इस संबंधी अपने विधायकों और सीनियर नेताओं से बात कर रहे हैं।
भगवंत मान, जो आज सदन में पहली बार बोल रहे थे ने उन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित किया जो अक्सर विपक्ष की ओर से उठाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि सदन के भीतर क्या काम करते हैं और वह उनके कितने मुद्दे उठाते हैं।
उन्होंने यह भी वादा किया कि विपक्षी विधायकों का एक भी सवाल ऐसा नहीं होगा जिसका उनकी सरकार के पास जवाब न हो। उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही की लाइव कवरेज की जरूरत पर बात करते हुए कहा कि विधायकों को अपने क्षेत्र के लोगों को यह बताने के लिए उन्होंने उनकी बात सदन में रखी कि नहीं, इसके लिए चोरी छिपे वीडियाे बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सदन के छोटे सत्र पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की और कहा कि लोकसभा में शून्य काल ही दो दो घंटे तक चलता है। हम ऐसा काम करेंगे कि हमारी विधानसभा के चर्चे पूरे देश में हों।